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(as of Jan 27, 2025 04:51:49 UTC – Details)
मन जब ज़रा भी उद्वेलित होता है तब कुछ कहना चाहता है, कभी ना कह पाने की स्थिति में मन के भाव
लेखनी के द्वारा व्यक्त होने लगते हैँ और यहीं से जन्म होता है ‘कविता’ का.
वैसे कविता के उद्भव का किसी समय,सदी से कोई खास अनुबंध नहीं, बल्कि कविता तो कालजयी होती है.हाँ बदलते समय और मूल्यों के साथ कविता की विषय वस्तु में परिवर्तन अवश्य होता रहता है.
आज भी अगर लोग रामायण, महाभारत और अन्य धर्म ग्रंथों की कथा को रचबसकर याद करते हैँ तो
इनकी लेखन शैली में कविता विधा के समावेश का बहुत प्रमुख योगदान है.
यहाँ तक कि चुनावी प्रक्रिया में भी कविताओं के ज़रिये जनसाधरण तक बात ज़्यादा दमदार तरीके से पहुँचती है. क्रांति का नारा, देशप्रेम का सन्देश सबमें कविताओं का विशिष्ट योगदान रहा है.काव्य प्रभा साझा काव्य संग्रह में विश्व के 53 लोकप्रिय रचनाकार शामिल हैं। इस संग्रह में संकलित रचनाकारों की रचनाओं का मूल्यांकन पाठक स्वयं करेंगे। मुझे आशा नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि इंकलाब प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह साझा काव्य संग्रह आप सभी को अवश्य पसंद आएगा।
अंत में इन चंद पंक्तियों के साथ अपनी लेखनी को विराम देती हूँ.
“मैं कभी अकेली नहीं होती,
मेरी लेखनी ज़ब मेरे साथ होती है,
सज जाते हैँ शब्द और बन जाती है कविता ज़ब मन में कोई अनकही बात होती है”
-आराध्या अरु
(सहायक संपादिका एवं राष्ट्रीय अध्यक्षा इंकलाब साहित्यिक मंच ,मुंबई, महाराष्ट्र)
ASIN : B08SB7JZFR
Publisher : Inkalab publication (6 January 2021)
Language : Hindi
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