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(as of Jan 08, 2025 20:31:29 UTC – Details)
दो सौ लोगों की मौजूदगी में सोमेंद्र सिंह नाम के एक स्टूडेंट की गोली मारकर हत्या कर दी गयी, मगर कातिल की किसी को भनक तक नहीं लगी। तीन लोगों ने कुछ देखा होने का दावा किया भी तो उनके बयान एक दूसरे से सर्वथा भिन्न थे, इसलिए उन्हें यकीन के काबिल नहीं माना जा सकता था।
मकतूल सोमेंद्र सिंह, बहुचर्चित इंस्पेक्टर श्याम पुरोहित हत्याकांड में इलाके के एमपी रविकांत कटारिया के खिलाफ अहम गवाह था, और इस बात में शक की कोई गुंजाईश नहीं थी कि उसकी गवाही एमपी को जेल की हवा खिला सकती थी, इसलिए सबको यकीन था कि कत्ल उसी ने करवाया था।
जांच पड़ताल जैसे जैसे आगे बढ़ती गयी, मामला उलझता चला गया। कातिल के तौर पर कभी इसका चेहरा सामने आ जाता तो कभी उसका, मगर सच तो कहीं और ही दबा पड़ा था। इतना गहरा दबा पड़ा था कि उसका सामने आना करीब करीब असंभव जान पड़ता था। और उसकी सिर्फ एक ही वजह थी, ये कि कातिल ने दिल्ली से जयपुर की दूरी वाया अलीगढ़ तय की थी।