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(as of Jun 18, 2025 14:00:53 UTC – Details)
गाँव “नूरगढ़” के पास फैला जंगल सिर्फ पेड़ों और पत्तों से नहीं भरा, बल्कि वह रहस्यों और डर की एक दुनिया है। यहाँ रात में अजीब सी परछाइयाँ घूमती हैं, हवा में फुसफुसाहट होती है, और लोग अचानक ग़ायब हो जाते हैं।
इस कहानी की नायिका सना एक साहसी लड़की है, जिसे इस रहस्य को जानने की तड़प है। जब एक रात वह जंगल में जाती है, तो उसका सामना होता है अल-शकूर नाम के एक रहस्यमयी जिन्न से — एक ऐसा जिन्न जो इंसान की भावनाओं को समझता है, लेकिन उसके इरादे अस्पष्ट हैं।
जैसे-जैसे सना इस रहस्य में गहराई तक जाती है, उसकी मुलाकात होती है सय्यद ज़फ़र से — एक रहस्यमय लेकिन करिश्माई युवक, जो खुद भी इन जंगलों के रहस्य से जुड़ा हुआ है। क्या ज़फ़र वाकई सना की मदद करना चाहता है, या उसके इरादों के पीछे कोई और सच्चाई छिपी है?
हर चैप्टर के साथ सना के सामने खुलते हैं पुराने राज़, भूली हुई कहानियाँ, और एक भयानक सच्चाई — जो उसकी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल सकती है।
🔹 जिन्नों की दुनिया और इंसानों के बीच की अदृश्य रेखा कितनी पतली हो सकती है?
🔹 क्या सना जंगल की सच्चाई को उजागर कर पाएगी?
🔹 या वह खुद भी नूरगढ़ के लापता लोगों में शामिल हो जाएगी?
एक रहस्यमय, रोमांचक और थोड़ा रूह कंपा देने वाला सफर…
“नूरगढ़ की छाया” – डर वहीं से शुरू होता है जहाँ तर्क खत्म हो जाता है।
ASIN : B0F53VTV26
Language : English
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Print length : 60 pages